हर्षद मेहता शेयर बाजार के बेताज बादशाह जिसे बिग बुल के नाम से भी जाना जाता है। 90 के दशक में हर्षद मेहता ने भारतीय स्टॉक मार्किट को हिला कर रख दिया था। एक आम सा नौकरीपेशा आदमी कैसे इतने कम समय में करोड़पति बन गया यह सभी जानना चाहते थे। हर्षद के पास दिमाग बहुत था, और उन्होंने अपने इस दिमाग का प्रयोग भारत के शेयर मार्किट में जो कुछ त्रुटियाँ थी उसमें किया, जिस पर पहले किसी का ध्यान नहीं गया था। चलिए विस्तार से जानते है हर्षद मेहता कौन है, उनके परिवार के बारे में, उनके द्वारा किया गया घोटाला, मृत्यु कैसे हुई, करियर, आदि।
Harshad Mehta Biography
पूरा नाम | हर्षद शांतिलाल मेहता |
निक नेम | द बिग बुल, अमिताभ बच्चन ऑफ स्टॉक मार्केट |
किसलिए प्रसिद्ध है (Famous for) | 1992 में 4000 करोड़ रुपए से भी अधिक स्टॉक मार्केट घोटाला |
जन्म तिथि (Date of birth) | 29 जुलाई 1954 |
जन्म स्थान | पनेली मोटी, राजकोट डिस्ट्रिक्ट, गुजरात |
मृत्यु की तिथि | 31 दिसंबर 2001 |
मृत्यु के समय उम्र (Age) | 47 वर्ष |
मृत्यु का कारण (Death cause) | हार्ट अटैक |
मृत्यु की जगह (Place of death) | थाणे सिविल हॉस्पिटल |
राशि | कन्या |
पेशा (Occupation) | स्टॉक ब्रोकर |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
होमटाउन | गुजरात |
शिक्षा | बीकॉम |
धर्म | हिंदू |
नेटवर्थ | 3542 करोड़ लगभग |
पत्नी | ज्योति मेहता |
बेटा | अतुर मेहता |
भाई | तीन भाई *अश्विन मेहता *हितेश मेहता *सुधीर मेहता |
माता पिता | रसीलाबेन मेहता, शांतिलाल मेहता |
गुरु | गुरु प्रसन्न परिजीवनदास |
Harshad Mehta Birth, Family, education
हर्षद मेहता 1954 में गुजरात के राजकोट में गुजराती परिवार में जन्मे थे। हर्षद के पिता अपने परिवार के साथ मुंबई के कांदिवली स्थान में रहने लगे थे। वहां पर वह एक छोटा टेक्सटाइल का बिजनेस करते थे। बिजनेस में कुछ खास फायदा नहीं हो रहा था तो शांतिलाल अपने परिवार के साथ मध्यप्रदेश के रायपुर (अब छतीसगढ़ है) में शिफ्ट हो गए थे। हर्षद ने अपने स्कूल की पढाई रायपुर से ही की। फिर कॉलेज के लिए वो मुंबई आ गए और लाला लाजपतराय कॉलेज में दाखिला लेकर बीकॉम किया।
हर्षद ने कॉलेज करने के बाद एक बीमा कंपनी में सेल्स की जॉब ज्वाइन कर ली। इसके बाद उनके परिवार वालों ने उनकी शादी करवा दी, पत्नी का नाम ज्योति था। दोनों को एक बेटा अतुर भी है।
हर्षद मेहता करियर
हर्षद ने बीमा कंपनी की जॉब छोड़ दी और हरिजीवनदास नेमीदास सिक्योरिटीज ब्रोकरेज फर्म में नौकरी करने लगे, यही से हर्षद का शेयर बाजार में करियर शुरू हुआ। इसके पहले हर्षद शेयर बाजार से जुड़ी कोई बातें नहीं जानते थे। लेकिन इस ब्रोकरेज फर्म में काम करते हुए हर्षद ने शेयर बाजार से जुड़ी बारीकियां भी सीखी। हर्षद ने स्टॉक मार्किट की बारीकियां प्रसन्न परिजीवनदास से सीखी, वे उन्हें अपना गुरु मानते थे।
हर्षद ने कुछ साल यही काम किया और स्टॉक मार्किट के बारे में और ज्ञान अर्जित किया। जब हर्षद को लगा कि अब वो तैयार है और खुद शेयर मार्केट में उतर सकते है। तो उन्होंने साल 1984 में अपनी फर्म ग्रो मोर रीसर्स एंड असेट मैनेजमेंट शुरू की। इसके साथ ही हर्षद ने मुंबई एक्सचेंज की मेंबरशिप भी हासिल कर ली।
अब गुजराती लड़के हर्षद को शेयर बाजार की बारीकियां अच्छे से पता थी, वो थोड़े ही समय में यहां काफ़ी अच्छा ग्रो करने लगे और अच्छा दाव खेलने लगे। इसी वजह से वह उस समय पर आए दिन न्यूज़, अखबार की हैडलाइन में बने रहते थे। कहते है देश के बड़े- बड़े बिजनेसमैन हर्षद के साथ काम करना चाहते थे। और उनसे मीटिंग के लिए घंटो इंतजार करते थे। हर्षद ने डूबी हुई कंपनी एसीसी (एसोसिएट सीमेंट कम्पनी) को वापस खड़ा किया। जहाँ इस कंपनी के शेयर 200 रूपए में बिकते थे। वो हर्षद के आने के बाद 9000 रूपए तक पहुँच गए थे। सब हैरान थे कि हर्षद के हाथों में ऐसा कौनसा ब्रम्हस्त्र लग गया है।
हर्षद मेहता का विवाद, घोटाला (Controversy)
90 के दशक में बैंकों को इक्विटी बाजार में इन्वेस्ट करने की अनुमति नहीं थी। उस समय पर अगर किसी बैंक को दूसरे बैंक से ऋण लेना होता था, तो उसे अपना बॉन्ड अन्य बैंक में जमा करना पड़ता था। किसी भी बैंक को जब शार्ट टर्म लोन की जरुरत होती थी, तब वे इस प्रकार का लोन लेते थे। यह काम एक दलाल या ब्रोकर के माध्यम से होता था। किन्तु इस काम में एक कमी थी जिसे लूप होल कहते है, इसी कमी या loophole का फायदा हर्षद ने अपनी समझ से उठा लिया।
ये जो लोन दिया जाता था, उसकी अवधि 15 दिनों की होती थी। और जब ये समय अवधि ख़त्म हो जाती थी तो वो बैंक इंटरेस्ट के साथ पैसे को लौटा देते थे। यही हर्षद मेहता ने अपना दिमाग लगाया। वैसे कोई भी बैंक किसी आम आदमी या कंपनी को 15 दिन के लिए लोन नहीं देता था। किन्तु हर्षद मेहता ने चालाकी की और एक बैंक से नकली बीआर बनवाकर दूसरे बैंक से बड़ी आसानी से लोन लेने लगे। हर्षद इस काम को बिचौलियों की मदद से किया करते थे। बैंको से मिलने वाले पैसे को हर्षद ने शेयर मार्केट में निवेश किया और करोड़ों की संपत्ति खड़ी की।
हर्षद मेहता स्कैम 1992
हर्षद के लिए यह कहावत बिलकुल सही हो गई थी “दिन दुगनी, रात चौगनी”। हर्षद जो छोटा सा ब्रोकर हुआ करता था, आज करोड़ों में खेल रहा था। सभी हैरान थे। हर्षद के घोटाले का पर्दाफाश वर्ष 1992 में हुआ था। जब उस समय की एक पत्रकार सुचेता दलाल ने हर्षद मेहता की सफलता के पीछे की पूरी कहानी सबके सामने लाइ थी। उनके अनुसार हर्षद मेहता रेडी फॉरवर्ड (RF) डील के माध्यम से बैंक से फण्ड ले रहे थे। यह एक शार्ट टर्म लोन की डील होती थी। किन्तु जैसे ही इस बात का खुलासा हुआ सभी बैंक हर्षद से पैसे की माँग करने लगे थे।
कहते है की बुरा वक़्त कभी बता कर नहीं आता। ऐसा ही कुछ हर्षद के साथ भी हुआ। हर्षद मेहता पर 72 आपराधिक मामले दर्ज होने के साथ-साथ 6000 से भी अधिक दीवानी मामले दर्ज किए गए थे। साल 2001 में मेहता को पांच साल की जेल हुई और 25 हजार का जुर्माना लगा था। जब हर्षद मेहता की मौत हुई, तब भी उनपर 27 केस पेंडिंग थे। आरबीआई के अनुसार हर्षद ने 4025 करोड़ का घोटाला किया था।
Harshad Mehta case result
हर्षद मेहता स्कैम के कई सालों बाद उच्च न्यायालय ने उनके भाई सुधीर मेहता एवं अन्य 6 लोगों के ऊपर 700 करोड़ के घोटाले का दावा किया।
Harshad Mehta Death
हर्षद की मृत्यु 31 दिसम्बर 2001 को ठाणे जेल में हार्ट अटैक की वजह से हुई थी। उनकी मृत्यु आज भी रहस्यमई बनी हुई है। 31 दिसम्बर की रात 11 बजे के आस पास उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ जिसके बाद उन्हें वहीं के अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। हर्षद की पत्नी ज्योति ने आरोप लगाए थे कि उनके पति को जल्द हॉस्पिटल नहीं ले जाया गया था। जेल प्रशासन और अस्पताल में डॉक्टर ने इलाज में देरी की, जिस वजह से उनकी मौत हुई है।
साल 1992 का घोटाला शेयर बाजार के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला माना जाता है। फिर ऐसी गलती और घोटाला न हो इसके लिए RBI ने शेयर बाजार में बहुत बड़े-बड़े बदलाव किए थे।
हर्षद मेहता मूवीस और वेब सीरीज (Movies and Web Series)
हर्षद मेहता Scam 1992 भारत की प्रचलित घटना है। इस पर 2020 में एक वेब सीरीज आई थी “Scam 1992: The Harshad Mehta Story।” इस वेब सीरीज को जानता द्वारा खूब पसंद किया गया। सोनी लिव ओटीटी प्लेटफार्म पर आई इस वेब सीरीज में प्रतीक गाँधी ने मुख्य भूमिका निभाई थी, जिसे दर्शकों द्वारा काफ़ी पसंद किया गया था। इसके अलावा साल 2021 में अभिषेक बच्चन की फिल्म दी बिग बुल आई थी, जिसमें हर्षद मेहता की ही कहानी को दिखाया गया था। इसे हॉट स्टार पर रिलीज़ किया गया था। फिल्म सीरीज के मुकाबले काफी फीकी रही, और लोगों ने इसे नाकार दिया था।
हर्षद का गाड़ियों का कलेक्शन
इस गुजराती लड़के के पास लक्ज़री गाड़ियों का पूरा काफ़िला था। मेहता के पास 40 लाख की Lexus Ls400, 15 लाख की Toyota Cera, 6 लाख की Hindustan Motors कि Contessa कार थी। इसके साथ ही उनके पास Fiat Padmini, Honda Accord, Mercedes- Benz W126, आदि जैसे कई कारस थी।
हर्षद के बारे में रोचक तथ्य-
- हर्षद को शेयर बाजार का बेताज बादशाह तथा द बिग बुल भी कहा जाता था।
- शेयर बाजार में हर्षद ने काफ़ी कम समय में एक अच्छा नाम तथा अधिक पैसे कमाए थे।
- वह एक मध्यम वर्ग परिवार में जन्मा था।
- मेहता के खिलाफ पूरे 72 आपराधिक मामले दर्ज थे। इसके साथ ही 600 से भी अधिक दीवाने मामले दर्ज थे।
FAQ
Q- शेयर बाजार का किंग किसे कहा जाता है?
Ans- राकेश झुनझुनवाला
Q- हर्षद मेहता कौन था?
Ans- हर्षद मेहता एक भारतीय स्टॉक ब्रोकर था।
Q- साल 1992 में कितने पैसे का घोटाला हुआ था?
Ans- लगभग ₹5000 crores
Q- क्या हर्षद मेहता शादीशुदा था?
Ans- हाँ, उनकी पत्नी का नाम ज्योति था।