उत्तराखंड के उत्तरकाशी से बेहद दुखद खबर सामने आई है। जहां लोंथरु गांव की निवासी पर्वतारोही सविता कंसवाल की निम हादसे में मौत हो गई है। सविता ने इसी वर्ष के मई माह में 15 दिन के अंदर एवरेस्ट और माउंट मकालू पर्वत सफल आरोहण कर नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया था। मंगलवार, 4 अक्टूबर सुबह द्रौपदी का डांडा चोटी में निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स में गए प्रशिक्षकों में शामिल पर्वतारोही सविता की एवलांस(Avalanche in Uttarakhand) में दबने से मौत हो गई।
मंगलवार देर शाम निम के प्रधानाचार्य अमित बिष्ट ने हादसे में एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल की मौत की पुष्टि की। सविता उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद की एक उभरती हुई पर्वतारोही थी। जिसने बेहद ही कम समय में पर्वतारोहण के क्षेत्र में अपना बहुत बड़ा नाम बनाया था। बता दें कि सविता ने नेहरु पर्वतारोहण संस्थान से एडवांस और सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स किया था।
सविता नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की एक कुशल प्रशिक्षक थी। इसी साल 12 मई को सविता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) पर तिरंगा फहराया था। उसके 15 दिन बाद ही सविता ने माउंट मकालू (8463 मीटर) पर भी सफल आरोहण किया था। उसकी सफलता से उसके क्षेत्र और पूरे जनपद में खुशी की लहर थी। वहीं मंगलवार देर शाम सविता की मौत(Avalanche in Uttarakhand) की खबर आने के बाद से उसके गांव सहित पूरे उत्तरकाशी जनपद में शोक की लहर फैल गई है।
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सविता का बचपन काफ़ी आर्थिक तंगी में गुजरा था। चार बहनों में सबसे छोटी सविता वृद्ध पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी की रेखदेख करने के साथ घर की जिम्मेदारियां भी बखूबी संभाल रही थी। माता-पिता अपनी बेटी सविता को कोहिनूर की तरह मानते थे।