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कोरोना महामारी के कारण दो सालों तक बंद रही कांवड़ यात्रा का आगाज हो चुका है। कांवड़ यात्रा के शुरू होते ही भारी संख्या में कांवड़ यात्री केदारनाथ धाम में भी पहुंचने लगे हैं। इस दौरान बाबा केदार के दर्शन के लिए कांवड़ियों की लंबी लाइन लग रही है। और संपूर्ण केदारनगरी जय भोले- जय भोले के जयकारों से गुंजायमान हो उठी है।

दो साल बाद 14 जुलाई से कांवड़ यात्रा का विधिवत आगाज हो चुका है। बाबा भोलेनाथ के भक्त हजारों की संख्या में जल चढ़ाने के लिए केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। बारिश के कारण पिछले कुछ दिनों से सुनसान पड़ी केदारनगरी में फिर से बाबा के भक्तों की खूब गूंज होने लगी है।

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आजकल बारिश होने के बावजूद धाम का नजारा कुछ अलग ही देखने को मिल रहा है। धाम में चारों ओर महादेव के भक्त दिखाई दे रहे हैं। जो सम्पूर्ण केदारनगरी को जय भोले- जय भोले के जयकारों से गुंजायमान कर रहे हैं।आपको बता दें की प्रशासन की ओर से भी केदारनाथ में रेन शेल्टर का निर्माण किया गया है। जिससे बारिश में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा हो रही है।

सावन में कांवड़ यात्रा:

सावन का पावन महीना 14 जुलाई से शुरू हो चुका है। इसके साथ ही कांवड़ यात्रा भी आरंभ हो चुकी है। सावन के महीने में महादेव की कृपा पाने के लिए उनके भक्तों द्वारा पूजा-पाठ, व्रत, उपाय, जलाभिषेक, रुद्राभिषेक आदि किए जाते हैं। ऐसा कहा और माना जाता है की सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ बहुत प्रसन्न मुद्रा में होते हैं। सावन में सोमवार के साथ कांवड़ यात्रा का भी विशेष महत्व हैं। कहते हैं जो जातक श्रावण माह में कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं, भगवान भोलेनाथ खुश होकर उनकी हर मनोकामना की पूर्ण करते हैं।

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