90 के दशक में सबसे प्रचलित धार्मिक सीरियल रामायण के रचियता Ramanand Sagar जी का आज बर्थडे है। रामायण सीरियल इतना अधिक लोकप्रिय था कि जिस टाइम पर वो दूरदर्शन चैनल में आता उस समय समस्त देश में लॉकडाउन जैसा माहोल हो जाता था। सभी अपने घरों, दुकानों में टीवी के सामने बैठ सीरियल देखने लगते थे। रामानंद सागर जी ने तुलसीदास द्वारा रचित रामायण को दुनिया के सामने चरितार्थ किया और लोगों को पूरी रामायण विस्तार से बताई। रामानंद सागर जी को आधुनिक युग का तुलसीदास कहा जाता है। आज रामानंद सागर जी हमारे बीच नहीं है लेकिन आज भी लोग उन्हें उनके विशेष योगदान के लिए याद किया जाता है। चलिए आज रामानंद जी के जन्मदिवस के मौके पर उन्हें याद कर उनके बारे में जानने की कोशिश करते है।
Ramanand Sagar जीवन परिचय
पूरा नाम | चंद्रमौली चोपड़ा |
प्रसिद्ध नाम | रामानंद सागर |
जन्म | 29 दिसंबर 1917 |
जन्म स्थान | लाहौर ब्रिटिश भारत |
मृत्यु | 12 दिसम्बर 2005 (मुंबई) |
नागरिकता | भारतीय |
पेशा | निर्देशक |
प्रसिद्ध धारावाहिक | रामायण, कृष्णा |
Ramanand Sagar जन्म
सागर जी का जन्म आजादी के पूर्व लाहोर में एक धनि परिवार में हुआ था। उनकी दादी ने उन्हें गोद ले लिया था, और उन्ही ने पालन पोषण किया. दादी ने नाम बदलकर चंद्रमौली से रामानंद सागर रख दिया। आजादी के बाद उनका परिवार भारत आ गया। विभाजन के दौरान शरणार्थी बन भारत आये सागर जी ने उस समय अपनी आँखों से परिवारों को बिछुड़ते और मरते देखा है, इसका उल्लेख उन्होंने अपने रचना “और इन्सान मर गया” में किया है। छोटी उम्र से ही उन्हें लिखने में रूचि थी। 16 साल की अवस्था में उनकी गद्य कविता श्रीनगर स्थित प्रताप कालेज की मैगजीन में प्रकाशित होने के लिए चुनी गई।
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Ramanand Sagar शिक्षा
सागर जी उसूलों के पक्के थे, उन्होंने अपने घर में ही दहेज़ प्रथा का विरोध किया था जिस वजह से उन्हें निकाल दिया गया था। रामानंद सागर ने बहुत संघर्ष कर अपनी पढाई पूरी की। पैसे कमाने के लिए वे एक पत्रकार बन गए और एक न्यूज़ पेपर में संपादक के रूप में कार्य करने लगे।
Ramanand Sagar करियर
1940 में रामानंद सागर ने फिल्म जगत में कदम रखा और राज कपूर की फिल्म बरसात की कहानी लिखी। 1950 में रामानन्द सागर ने एक प्रोडक्शन कंपनी “सागर आर्ट कॉरपोरेशन” की शुरुवात की और पहली फिल्म मेहमान बनाई। आगे चलकर उन्होंने इंसानियत, कोहिनूर, पैगाम, आँखें, ललकार, चरस, आरज़ू, गीत और बग़ावत जैसी हिट फ़िल्में बनाई।
Ramanand की टीवी जगत में एंट्री
80 के दशक में सागर जी ने टीवी में कदम रखा और रामायण, कृष्णा जैसे आइकोनिक सीरियल का निर्माण किया। जिसे हर भारतीय घर में बड़े चाव से देखा गया और सबसे बहुत पसंद किया। रामानन्द सागर ने रामायण सीरियल बनाकर इतिहास रच दिया, यह भारत में सबसे लंबे समय तक चला और बेहद प्रसिद्ध हुआ। तुलसीदास जी द्वारा रचित रामायण को इन्होने टीवी के माध्यम से घर घर पहुँचाया।
Unknown facts about Ramanand
- रामायण जब पहली बार टीवी पर आया था तो दूरदर्शन ने एक एपिसोड से 40 लाख के लगभग कमाई की थी। जबकि एक एपिसोड का खर्चा सिर्फ 9 लाख आता था। दशरथ और कौशल्या का किरदार निभाने वाले एक्टर, बाल धुरी और जयश्री गडकर असल जिंदगी में शादीशुदा थे। दुनिया की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली पौराणिक सीरिज के लिए रामायण का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है। रामायण का टेलीकास्ट 55 देशों में किया गया था।
- लॉकडाउन के दौरान रामानंद सागर के रामायण सीरियल को टीवी पर एक बार फिर से प्रसारित किया गया। और इसने एक बार फिर टीआर पी के सरे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे।
- रामायण में जो किरदार राम सीता के थे, उन्हें लोग सच में भगवान समझने लगे थे।
- कम ही लोग जानते हैं कि रामानंद सागर टीबी के मरीज थे। इलाज के दौरान उन्होंने डायरी लिखना शुरू किया था।