सावन के पहले सोमवार को बाबा केदार के चरणों में ब्रह्मकमल चढ़ाने और जलाभिषेक करने को लेकर भक्तों में अपार उत्साह है। सावन के धार्मिक महत्व के लिए हर साल की तरह इस साल भी बीकेटीसी के कर्मचारी 13 हजार फीट की ऊंचाई से ब्रह्मकमल तोड़ कर लाए हैं। जिन्हें आज बाबा को अर्पित किया जाएगा।
ऐसा माना जाता है कि सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव को जलाभिषेक, बेलपत्र और ब्रह्मकमल अति प्रिय लगते हैं। इसीलिए दूर-दूर से बाबा के भक्त सावन में केदारनाथ धाम पहुंचते हैं।
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इधर, हर साल की तरह बद्री-केदार मंदिर समिति ने सावन में केदारनाथ मंदिर में भगवान केदारनाथ के लिए ब्रह्मकमल चढ़ाना शुरू कर दिया है। सोमवार को मंदिर के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग पूजा अर्चना के साथ बाबा केदार को ब्रह्मकमल का पुष्प अर्पित करेंगे। जबकि इसके बाद अन्य बीकेटीसी कर्मी, तीर्थपुरोहित, भक्त आदि बाबा का जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित करेंगे। रविवार को बीकेटीसी की टीम केदारनाथ मंदिर से करीब 6 किलोमीटर दूर जाकर ब्रह्मकमल के पवित्र फूलों को टोकरी में लाई।
बीकेटीसी के प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर सिंह पुष्पवाण ने बताया सावन में बाबा केदार को ब्रह्मकमल चढ़ाने का विशेष महत्व है। इसलिए हर साल की तरह बीकेटीसी की टीम ऊंचाई वाले स्थानों से टोकरी में दिव्य पुष्प लाई है। जिसे बाबा केदार को चढ़ाया जाएगा।