उत्तराखंड के देहरादून में तीन हजार रुपये की लेनदेन के विवाद में दोस्तों ने ही गुमशुदा पवन की गला दबाकर दर्दनाक हत्या की थी। शराब के नशे में उन्होंने शव को गड्ढे में दबा दिया था। देहरादून पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा कर दो आरोपियों को दबोच लिया है।
बता दें कि तीन दिन पहले राजपाल कश्यप पुत्र श्याम सिंह निवासी कारबारी कश्यप बस्ती ने नया गांव चौकी में तहरीर दी थी। बताया कि उनका चचेरा भाई पवन कश्यप नौ जुलाई को घर से निकला था, लेकिन वापस लौट कर नहीं आया। पटेलनगर कोतवाली में पवन की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज की गई। इसके बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर इंस्पेक्टर पटेलनगर रविंद्र यादव के नेतृत्व में टीमों का गठन किया गया। रविवार को पुलिस कार्यालय में हत्याकांड का खुलासा करते हुए एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने कहा कि पुलिस टीमों ने पीड़ित परिवार से पूछताछ कर घटनास्थल के आसपास के रास्तों पर लगे 13 सीसीटीवी कैमरे को चैक किया है।
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साथ ही सभी मुखबिर को भी सक्रिय किया गया है। सीसीटीवी फुटेज में पवन, अंकित और विक्रम पुत्र स्व. जगदीश सिंह निवासी कारबारी साईंलोक कॉलोनी नया गांव के साथ जाता हुआ दिखाई दिया। पुलिस दोनों के घर पहुंची तो वे घर के पास ही खड़े हुए थे। पुलिस दोनों को पकड़कर चौकी ले आई और उनसे पूछताछ की। इस दौरान दोनों टूट गए और पवन की हत्या का खुलासा कर दिया। दोनों की निशानदेही पर पवन का शव कारबारी के जंगल से बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
इंस्पेक्टर रविंद्र यादव ने इस मामले को लेकर बताया है कि अंकित, पवन और विक्रम में गहरी दोस्ती थी। पूछताछ में अंकित ने कहा कि उसकी पवन के साथ तीन हजार रुपये की देनदारी थी। घटना के दिन तीनों कारबारी के जंगल में गए हुए थे। वहां तीनों ने जमकर शराब पी थी। इसी दौरान उनका पवन से झगड़ा हो गया था। इसके बाद दोनों ने पवन की गला दबाकर हत्या कर दी और पास ही लकड़ी से गड्ढा खोदकर शव को दबा दिया।