रविवार 10 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल एकादशी के शुभ अवसर पर केदारघाटी के फेगू स्थित मां भगवती की देवरा यात्रा मुख्य मंदिर के गर्भ गृह से भंडार गृह में आने के साथ ही विशेष पूजा अर्चना एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ प्रारंभ हो गई है। आज प्रातः सात बजे मां भगवती की डोली ने फेगू गांव का भ्रमण किया और भक्तों को आशीर्वाद दिया। आज रात्रि प्रवास हेतु डोली बरम्वाड़ी गांव में पहुंचेगी। देवरा कार्यक्रम 10 जुलाई से शुरू होकर 25 अगस्त तक चलेगा। 25 अगस्त को माँ दुर्गा की डोली देवरा यात्रा को पूरी करने के बाद अपने मूल स्थान फेगू पहुँचेगी।
श्री दुर्गा माँ का यह मंदिर मुख्य सड़क से 2 किमी की दूरी पर स्थित है। श्री दुर्गा मां क्षेत्र के आठ गांवों (तिनसोली, नाग-जगई, फेगू, बरम्वाडी, टेमरिया, डमार, बष्टी, बडेथ) एवं श्री केदारनाथ जी के 360 तीर्थ पुरोहितों की आराध्या हैं। प्रति वर्ष बैशाख संक्रांति के अवसर पर माँ के मंदिर में मेले का आयोजन किया जाता है और मां अपने भक्तों को चल विग्रह डोली रूप में दर्शन देती हैं । माँ का मंदिर लगभग 1200 वर्ग मी में फैला हुआ है जिसमें कि पौराणिक कलाकृतियाँ विद्यमान हैं। मंदिर के गर्भ गृह में मां का स्वरुप पाषाण रूप में विद्यमान है। इसके साथ ही भगवान शिवलिंग एवं अन्य देवी देवताओं की पाषाण मूर्तियाँ हैं।
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प्रत्येक 6 वर्ष बाद माँ की चल विग्रह डोली अपने सभी साथियों (देवी देवताओं के निशाण अर्थात अस्त्र शस्त्र) सहित बाबा केदार की यात्रा पर जाती है। जिसे स्थानीय भाषा में देवरा यात्रा कहा जाता है। इस यात्रा में माता की चल विग्रह डोली के साथ उक्त सभी गांवों के लोग शामिल होते हैं। और साथ ही मां क्षेत्र के सभी गांवों में घर- घर जाकर भक्तों की कुशलक्षेम पूछते हुए केदारनाथ जी के दर्शनों हेतु श्रावण पूर्णिमा के दिन केदारनाथ पहुच जाती है। एवं वापसी में उखीमठ भीरी होते हुए वापस अपने स्थान फेगू में हवन पूजन के पश्चात विराजमान होती है।