नई Garhwali Film को देख दर्शकों को आई अपने पहाड़ की याद, सभी के चेहरे पर पहाड़ की पीड़ा देखने को मिली।
उत्तराखंड राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन पर आधारित गढ़वाली फिल्म ‘मेरु गौं’ कोटद्वार के प्राइड सिनेमा में लगना शुरू हो गई है। इस फिल्म के कतम होने के बाद सभी दर्शकों के एवं पहाड़ी लोगों के चेहरे पर पहाड़ की पीड़ा देखने को मिली। इसके साथ ही यह फिल्म देखकर पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि पलायन के साथ हमारी संस्कृति, हमारी पहचान भी जा रही है। उत्तराखंड सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
शुक्रवार, 30 दिसंबर को फिल्म का उद्घाटन पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी और पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी की मौजूदगी में मेयर हेमलता नेगी द्वारा रिबन काटकर किया गया। पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि पहाड़ों से हो रहे पलायन के साथ हमारी संस्कृति, हमारे संसाधन और हमारी पहचान भी जा रही है। व्यक्ति की पहचान उसके गांव व बोली से होती है, जिसे हम खोते जा रहे हैं। जिस प्रकार लगातार पलायन से लोगों की संख्या घट रही है, उसी प्रकार विधायक भी घट जाएंगे। घटते-घटते हालात यह हो जाएगी कि पहाड़ का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई नहीं रहेगा। यह फिल्म इस बात का अहसास दिलाती है कि आखिर राज्य किसके लिए बनाया गया था। राज्य पहाड़ों के गांव के लिए ही मांगा गया था, अगर गांव ही खाली हो रहे हैं तो इसे हमारे उत्तराखंड राज्य का सबसे बड़ा संकट माना जाना चाहिए।
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इस फिल्म के निर्माता व अभिनेता राकेश गौड़ है। जो कि इस खास अवसर पर मौजूद थे। उनके साथ ही अभिनेत्री गीता गुसाईं नेगी, वरिष्ठ रंगकर्मी अभिषेक मैंदोला, गोविंद डंडरियाल, विकास देवरानी, गीता नेगी, शोभा रावत, शशिभूषण अमोली आदि जैसे कलाकार भी मौजूद थे।
ऐसा ही कुछ हाल ऋषिकेश के सिनेमाघर में भी शुक्रवार को देखने को मिला। वहां भी लोगों ने भारी संख्या में आकर इस Garhwali Film को देखा और फिल्म को देख उन सबकी भी आँखें नाम हो गई। आपको बता दें की प्रतिदिन सुबह 10:30 बजे से फिल्म “मेरु गौं” का प्रदर्शन होगा।