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चंद्र और मंगल अभियान के बाद अब ISRO बना रहा है शुक्र ग्रह का 2024 प्लान

भारत ने अंतरिक्ष में अनुसंधान के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाया है। चंद्रयान और मंगलयान की सफलता के बाद भारत ने ‘शुक्रयान’ मिशन पर काम करना शुरू कर दिया है। शुक्र हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है। यह पृथ्वी के सबसे नजदीक भी है। इसे दिसंबर 2024 में लॉन्च किया जा सकता है। बुधवार को ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने इसकी घोषणा की है।

हालांकि, शुक्र पर भेजे जाने वाले वाहन को अभी तक कोई आधिकारिक नाम नहीं दिया गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि जिस तरह चंद्रमा पर भेजे गए ऑर्बिटर का नाम चंद्रयान रखा गया और मंगल पर भेजे गए ऑर्बिटर का नाम मंगलयान रखा गया, उसी तरह शुक्र पर भेजे जा रहे इस मिशन का नाम शुक्रयान रखा जा सकता है।

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अमेरिका, रूस, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और जापान के बाद भारत शुक्र पर अंतरिक्ष यान भेजने वाला पांचवां देश होगा।

अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले दो ऑर्बिटर भारत के पास पहले से ही तैयार हैं। एक अन्य वाहन पर भी काम चल रहा है। शुक्रयान का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण इसका डुअल फ्रीक्वेंसी सिंथेटिक अपर्चर रडार है जिसे इसरो ने चंद्रयान-2 मिशन के लिए तैयार किया है। इस रडार का रिजॉल्यूशन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा 1989 में लॉन्च किए गए मंगलयान ऑर्बिटर मिशन के रडार से 4 गुना ज्यादा है। शुक्रायन के लिए जीएसएलवी एमके-II(GSLV Mk-II) या उससे भी ज्यादा शक्तिशाली जीएसएलवी एमके-III(GSLV Mk-III) लॉन्च व्हीकल का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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