महाराष्ट्र की छह राज्यसभा सीटों पर 7 उम्मीदवार उतारने से सियासी जंग सी छिड़ गई है। बीजेपी के तीसरे और शिवसेना के दूसरे कैंडिडेट के उतरने से महाराष्ट्र में करीब दो दशक के बाद राज्यसभा चुनाव में वोटिंग करने की नौबत आई है। ऐसे में सबकी निगाहें ओवैसी की पार्टी AIMIM के दो विधायकों पर है कि वह बीजेपी या शिवसेना में से किसको साथ देते है ?
महाराष्ट्र के 6 सीटों पर शुक्रवार को चुनाव है। सीटें तो 6 है पर उम्मीदवार 7 खड़े है। जिसके चलते 6 सीट पर कब्जे की जंग होने की आशंका है। ऐसे में बाकी बची छोटी पार्टी ओर निर्दलीय पार्टियों की एहम भूमिका हो गई है। ऐसे में ओवैसी की पार्टी AIMIM को लेकर सबकी निगाहें उनके उम्मीदवारों पर है कि वह किसे जिताकर उच्च सदन भेजेंगे ?
6 सीटों पर 7 उम्मीदवार
सूबे के 6 राज्यसभा पर 7 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बीजेपी के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल , अनिल सुखदेवराव बोंडे और धनंजय महादिक चुनावी मैदान में हैं। शिवसेना के संजय राउत और संजय पवार मैदान में हैं। जबकि एनसीपी से प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस से इमरान प्रतापगढ़ी चुनावी मैदान लड़ेंगे। ऐसे में बीजेपी के तीसरे प्रत्याशी सुखदेवराव बोंडें और शिवसेना के दूसरे प्रत्याशी संजय पवार के बीच 6 सीट पर चुनावी मुकाबला होगा।
देश के चार राज्यों में राज्यसभा की 16 सीटों पर आज चुनाव होगा। महाराष्ट्र की 6 राज्यसभा सीटों पर भी आज ही चुनाव होगा। चुनाव से पहले AIMIM के अध्यक्ष असद्दुदीन ओवैसी ने बड़ा ऐलान कर दिया है। ओवैसी ने राज्यसभा चुनाव में महाराष्ट्र की सत्ताधारी महा विकास आघाड़ी ( MVA ) को समर्थन देने की घोषणा की है। पार्टी के विधायक MVA में सहयोगी दल कांग्रेस उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी को अपना वोट देंगे। महाराष्ट्र में AIMIM के दो विधायक है।
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AIMIM के सांसद इम्तियाज जलील ने बताया कि हमारी पार्टी ने महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव में MVA को वोट देने का फैसला किया। महाराष्ट्र के दो विधायकों को कांग्रेस उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी को वोट देने को कहा है।
इम्तियाज ने ट्विट करके यह बताया कि ” हमारे दो विधायकों को राज्यसभा के लिए कांग्रेस प्रत्याशी इमरान प्रतापगढ़ी को वोट देने के लिए कहा गया है। उनको हम अपनी तरफ से बधाई देते है। शिवसेना के साथ हमारे राजनीतिक और वैचारिक मतभेद जारी रहेंगे। उन्होंने आगे ये बोला कि हमने अपने विधायकों को धूलिया और मालेगाव के विकास के लिए कुछ शर्ते रखी है और इन्होंने इसके अलावा मुस्लिमों के लिए आरक्षण की मांग की है।