विश्व प्रसिद्ध भगवान केदानाथ धाम के कपाट(Kedarnath Yatra 2022) शीतकाल के लिए बंद होने की औपचारिक घोषणा विजयदशमी 5 अक्टूबर को होगी। इसके साथ ही द्वितीय केदार मध्येश्वर व तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि भी विजयदशमी पर्व पर ही तय की जाएगी। शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में बाबा केदार की पंचमुखी चल उत्सव विग्रह डोली के दर्शन करते हैं। छह माह तक यहीं पर बाबा केदार की पूजा होती है।
देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने का समय व प्रस्थान की तिथि वर्षों से इसी दिन निश्चित करने की परंपरा है। इसको लेकर बदरी-केदार मंदिर समिति ने तैयारियां भी शुरू कर ली हैं। आपको बता दें की हर साल भैयादूज पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट बंद किए जाते है।
इस वर्ष केदारनाथ यात्रा(Kedarnath Yatra 2022) पहले दिन से उल्लास से भरी रही है। बीच में मौसम में खराबी आने के बावजूद भी यात्रा निर्बाध चलती रही।
आपको बता दें इस साल कपाट खुलने के पहले ही दिन 7068 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए थे। इसके साथ ही यात्रा के दसवें दिन 18 मई को यह आंकड़ा 44635 और 17वें दिन 25 मई को 101095 पहुंच गया था। वहीं अभी तक लगभाग 13 लाख से अधिक श्रद्धालु केदार बाबा के दर्शन कर चुके है।
केदारनाथ धाम की यात्रा के इतिहास में यह पहला मौका है, जब तीर्थ यात्रियों की संख्या ने 13 लाख का आकड़ा पार किया है। इससे पहले वर्ष 2019 में सर्वाधिक दस लाख 35 तीर्थ यात्री बाबा केदार के दर्शनों को पहुंचे थे।
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चोराबाड़ी में तीसरी बार हुआ हिमस्खलन
क्षेत्र में 15 मिनट तक उठा बर्फ का गुब्बारा, घटना को लेकर प्रशासन अलर्ट
चोराबाड़ी क्षेत्र में रविवार सुबह करीब छह बजे फिर से हिमस्खलन हुआ। जिससे काफी देर तक बर्फ का गुब्बारा फैला रहा।
क्षेत्र में बीते नौ दिनों में यह तीसरा मौका है जब हिमस्खलन हुआ है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ को अलर्ट जोन में रखा गया है। साथ ही चोराबाड़ी क्षेत्र पर पैनी नजर रखी जा रही है।
केदारनाथ मंदिर से करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित जीएनवीएन के गेस्ट हाउस में तैनात कर्मचारी गोपाल सिंह रौथाण ने बताया कि रविवार सुबह करीब छह बजे चोराबाड़ी से लगभग दो किलोमीटर ऊपर हिमस्खलन हुआ है।
हिमस्खलन के दौरान पूरे क्षेत्र में बर्फ का गुब्बारा उठा जो करीब 15 मिनट तक रहा। बीते 23 सितंबर और 1 अक्टूबर को भी हिमस्खलन हुआ था। नौ दिनों में क्षेत्र में हिमस्खलन की यह तीसरी घटना है। हालांकि ग्लेशियर वैज्ञानिक इसे सामान्य मान रहे हैं।
वाडिया संस्थान से सेवानिवृत्त ग्लेशियर वैज्ञानिक डॉ डीपी डोभाल का कहना है कि सितंबर आखिरी सप्ताह में हुई बारिश के बाद मौसम मैं व्यापक परिवर्तन आया है। जिससे केदारनाथ के ऊपरी क्षेत्र में आए दिन बर्फबारी हो रही है। नए वर्ष में पानी की मात्रा कम होने के कारण यह पाउडर के रूप में बिखर रही है। इस दौरान बर्फ का गुब्बारा उठता है जो काफी देर तक बना रहता है।