अभी हाल ही में एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने अपने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप मे “Margaret Alva” के नाम की घोषणा कर दी है और तभी से लोगों को मार्गरेट अल्वा के बारे में जानने की इच्छा हो रही है कि आखिर यह कौन महिला है जिसको विपक्ष ने ही अपने उम्मीदवार के रूप में खड़ा किया है।
मार्गरेट अल्वा को काफी अच्छा खासा राजनीति का अनुभव है और इससे पहले भी वह बहुत से बड़े काम राजनीति क्षेत्र में कर चुकी है। इसलिए लोगों को इनके बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ गई है।
• पूरा नाम: मार्गरेट अल्वा
• पति का नाम: निरंजन अल्वा
• जन्म स्थान: कर्नाटक के बेंगलुरु में
• जन्मतिथि: 14 अप्रैल 1942
•आयु: 80 वर्ष
•विश्वविद्यालय: माउंट कार्मेल कॉलेज और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज बेंगलुरु
•निवास: नई दिल्ली
•राष्ट्रीयता: भारतीय
•पार्टी: कांग्रेस
•शैक्षिक योग्यता: कानून की डिग्री
•राजनीतिक में जुड़ी: 1969
•बच्चे: 3 पुत्र और एक पुत्री
•पेशा: वकील और राजनीतिक
मार्गरेट अल्वा का प्रारंभिक जीवन
मार्गरेट अल्वा का जन्म 14 अप्रैल 1942 को कर्नाटक के बेंगलुरु में एक रोमन कैथोलिक परिवार में हुआ था। उन्होंने बीए की डिग्री माउंट कार्मेल कॉलेज बेंगलुरु से प्राप्त की और कानून की डिग्री गवर्नमेंट लॉ कॉलेज बेंगलुरु से प्राप्त की। अल्वा ने युवावस्था में ही एक वकील के रूप में अच्छी पहचान बना ली थी। पेशे से वकील होने के साथ- साथ मार्गरेट अल्वा की रूचि ललित कला में भी थी। वकील होने के कारण कई कल्याणकारी कार्य भी उन्होंने अपने जीवन काल में किया और बाद में यंग वूमेन क्रिश्चियन एसोसिएशन की अध्यक्ष भी बनी। उन्होंने कई संगठन भी स्थापित किए थे, जो महिलाओं और बच्चों के मुद्दे पर आधारित थे।
मार्गरेट अल्वा का परिवार
मार्केट अल्बा के परिवार में कुल 5 सदस्य है। उन्होंने 24 मई 1964 को निरंजन थॉमस अल्वा से शादी की थी। इनकी एक बेटी और तीन बेटे हैं। निरंजन थॉमस अल्वा की मुलाकात पहली बार मार्गरेट अल्वा से छात्रों के रूप में गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में हुई थी। इनके पति एक निर्यात व्यवसायी थे।
राजनीतिक जीवन
मार्गरेट अल्वा ने साल 1969 में राजनीति की दुनिया में पहला कदम रखा और यही से इनकी राजनीतिक दुनिया का सफर आरंभ हुआ। आपको बता दें कि अल्वा का राजनीति में कदम रखने से पहले उनके परिवार में खास करके उनके पति ने बहुत ही अच्छा सपोर्ट किया। मार्गेट अल्वा वर्ष 1975 से 1977 के बीच अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत रही। वहीं साल 1978 से 1980 के बीच यानी 2 साल तक कर्नाटक के कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में कार्यरत रह चुकी हैं।
यह भी पढ़े- उत्तराखंड कांग्रेस पार्टी को लगा बड़ा झटका, दो चर्चित चेहरों ने छोड़ी पार्टी
मार्गरेट अल्वा 6 अगस्त 2009 को उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल बन गई थी। इससे पहले उत्तराखंड में कोई भी महिला राज्यपाल नहीं बनी थी। उत्तराखंड राज्यपाल के कार्यभार को इन्होंने मई 2012 तक संभाला। इसके तुरंत बाद इन्हें राजस्थान का राज्यपाल बना दिया गया था। मार्गरेट अल्वा ने 2012 से 2014 तक राजस्थान के राज्यपाल का कार्य संभाला था।
उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित होना
बंगाल के कार्यरत राज्यपाल जगदीप धनखड़ को जब एनडीए ने उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में खड़ा किया तो इसके अगले ही दिन विपक्षी पार्टियों ने भी अपने उम्मीदवार को राष्ट्रपति पद के लिए सामने लेके आए। एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने मार्गरेट अल्वा के नाम की घोषणा कर दी। उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार के लिए मार्गरेट अल्वा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से आभार व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि- उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में नामांकित होना मेरे लिए सम्मान की बात है। “अब देखना और भी दिलचस्प होगा कि आखिर किस के उम्मीदवार को जीत मिलती है। एनडीए की या विपक्षी पार्टियों की उम्मीदवार को?”
एक महिला होने के बाद भी सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में उनके किए गए जरूरी योगदान के आधार पर साल 2012 में मार्गरेट अल्वा को मर्सी रवि के अवार्ड से सम्मानित किया गया था। मार्गेट अल्वा 6 अगस्त 2009 की उत्तराखंड की पहली राज्यपाल बनी यह भी उनके लिए सम्मान जनक बात थी।