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डॉक्टरों का कहना है की यह मानसिक बीमारी या Mass Hysteria है। और ग्रामीणों का कहना है की यह देवी- देवता का प्रकोप भी हो सकता है।

Mass Hysteria: उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद से एक बड़ी और हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। जहां 28 जुलाई को बागेश्वर के रैखोली में जूनियर हाई स्कूल में कक्षा 8वीं की 5-6 छात्राएं अचानक ज़ोरों से चिल्लाने लगीं और रोते-रोते बेहोश हो गई। छात्राओं में अचानक ऐसा व्यवहार व इस तरह के बदलाव देखने से पूरे स्कूल में अफरातफरी फैल गई। जिसके बाद स्कूल के शिक्षकों द्वारा इन छात्राओं को जैसे- तैसे संभाला गया। और बाद में उनके परिजनों को स्कूल में बुलाकर छात्राओं को घर भेज दिया। वहीं इस घटना का वीडियो काफ़ी वायरल भी हो गया है।

इस मामले को देख उत्तराखंड सरकार का शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग सरकारी स्कूली बच्चों की काउंसिलिंग करने के लिए प्लानिंग कर रहा है। यह अचानक इसलिए हो रहा है क्योंकि पहाड़ के स्कूलों से लगातार हैरान करने वाली खबरें और तस्वीरें आ रही हैं। बागेश्वर ज़िले के स्कूल से हुए वायरल वीडियो में एक-दो नहीं बल्कि आधा दर्जन बच्चियां अचानक चीखने चिल्लाने लगीं और दहाड़ें मारकर कुछ सेकंड रोने के बाद बेहोश हो गईं।

इस मामले की जांच के लिए प्रशासन की टीम गुरुवार 28 जुलाई को पहुंची थी। शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत करने के बाद टीम खाली हाथ वापिस लौटी। इस पूरे मामले की जांच- पड़ताल करने मीडिया टीम भी स्कूल मे पहुंची, तो वहां बच्चों का लंच टाइम चल रहा था। इस दौरान मीडिया के कैमरे ने स्कूल की हालत का जायज़ा लिया, तो हैरत में डाल देने वाली और भी कई सारी तस्वीरें दिखाई दीं।

स्कूल एक दम बदहाल सा दिख रहा था। यहां अधिकतर कक्षाओं में अंधेरा छाया हुआ है। जिसके चलते बच्चों को पढ़ने में दिक्कत हो रही है। अधिकतर कक्षाओं की छतों से बड़े- बड़े छेद झांक रहे हैं। कई ग्रामीणों का कहना है कि अंधेरे कमरों के कारण डर लगने से छात्राएं विचलित होकर बेहोश हो रही हैं। वहीं कुछ ग्रामीण इस घटना को देवी देवता से जोड़कर भी देख रहे हैं। उन्होंने बताया है कि देवभूमि होने के कारण माता रुष्ट हो गई हैं, जिसका असर बच्चों पर दिख रहा है।

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डॉक्टर की आई हुई टीम ने सभी बच्चों की जांच की और उन्हें कुछ दिन घर में ही आराम करने की सलाह दी। वहीं इस बारे में बात करने से प्रशासनिक अधिकारी मीडिया से बचते हुए नज़र आए। इसके साथ ही ग्रामीणों से जानकारी मिल रही है कि अधिकारी उन्हें स्कूल में पूजा पाठ कराने के लिए कुछ पैसे देकर गए हैं। वहीं प्रशासन का यह रवैया और मीडिया से कन्नी काटना फिलहाल स्कूल में छात्राओं के बेहोश होने को एक रहस्य बना रहा है।

स्कूल में लड़कियों के एक-एक कर बेहोश होने जैसे मामलों को मेडिकल टर्म में Mass hysteria कहा जाता है। यह पहला मामला नहीं है बल्कि राज्य में चकराता, उत्तरकाशी से लेकर पहाड़ी ज़िलों के स्कूलों में टीचर्स बताते हैं कि ऐसे मामले आम हैं। आए दिन गर्ल्स स्टूडेन्ट्स में इस तरह की एक्टिविटी होना पाया जा चुका है। शिक्षा विभाग के अधिकारी बताते हैं कि यह मामले उनके संज्ञान में अलग- अलग जगह से आ रहे हैं। अब स्वास्थ्य विभाग से कॉर्डिनेशन बनाकर मनोवैज्ञानिक स्कूलों में भेजे जाएंगे।

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