Parle-G Biscuit

बचपन की यादों को ताज़ा करते हुए, आज हम जानेंगे आपके और हमारे पसंदीदा बिस्कुट Parle-G Biscuit के बारे में।

भारत देश में जब भी बिस्कुट का ज़िक्र किया जाता है तो सबके दिमाग में गोल्डन रंग के पैकेट में मिलने वाले Parle-G Biscuit का नाम सामने आता है। क्योकि यह केवल एक बिस्कुट ही नहीं बल्कि करोड़ों भारतवासियों की भावना है। शायद ही भारत देश में कोई ऐसा होगा जिसने Parle-G के बारे में नहीं सुना होगा। बच्चों से लेकर बड़े- बुजुर्गों तक यह हर किसी के लिए खास है। ना जाने हम भारतवासियों की कितनी यादें इस बिस्कुट से जुड़ी हुई है।

“मुझे उस बाज़ार का पता दे दो,
जहां से मै अपने बचपन को खरीद सकूं।”

यह पहला ऐसा बिस्कुट था, जो भारत में बना और आम- भारतीयों के लिए बना। यह आज या कल का नहीं बल्कि सालों पुराना बिस्कुट है। इसका नाम सुनकर क्या आपकी भी आँखें नम हो गई है? आइए आज अपने बचपन को याद करते हुए और हमारे बचपन की यादों में जुड़े इस बिस्कुट के बारे में विस्तार से जानते है।

Parle-G Biscuit की शुरुआत

PARLE- G एक Parle नाम की कंपनी द्वारा बनाया गया बिस्कुट है। दरअसल, भारत की आज़ादी से पहले जब अग्रेजों का शासन था तो विदेशी चीजें हर जगह भारतीय मार्केट मे बेची जाती थी। और उनके दाम भी काफ़ी अधिक होते थे। जिसके चलते सिर्फ़ अमीर लोग ही इसका आनंद ले पाते थे।

इसी दौरान मार्केट में अंग्रेजों द्वारा कैंडी(Candy) लाई गई। लेकिन यह भी सिर्फ़ अमीरों तक ही सीमित थी। यह बात Mohanlal Dayal Chauhan जी को बहुत चुबी। Mohanlal जी स्वदेशी आंदोलन से प्रभावित थे। इसी विचारधारा के चलते वह जर्मनी(Germany) चले गए। और वहां जाकर उन्होंने कैंडी बनाना सीखा। जिसके बाद साल 1929 में मात्र 60,000 रुपये में उन्होंने कैंडी बनाने वाली एक मशीन को खरीदा और वह उसे भारत ले आए। वैसे तो उनका रेशम(silk) का व्यापार था। परन्तु इसके बावजूद उन्होंने भारत आकर मुंबई में एक फैक्ट्री खरीदी और 12 कर्मचारियों के साथ मिलकर नया व्यापार शुरू किया। मुंबई के परला इलाके में शुरू की गई इस कंपनी का नाम शुरुआत में पारले रखा गया। जिसके बाद उन्होंने सबसे पहले एक कैंडी बनाई जो की भारतीयों को खूब पसंद आई।

Mohanlal Dayal Chauhan जी ने अंग्रेजों पर गौर करते हुए देखा की वह चाय के साथ बिस्कुट खाया करते थे। इस बात को दिमाग में बिठाकर उन्होंने सोचा कि क्यों ना भारतीयों के लिए एक बिस्कुट बनाया जाए। जिसके बाद साल 1939 में उन्होंने गेहूं(wheat) का उपयोग कर एक बिस्कुट बनाया। इस बिस्कुट का नाम PARLE- Gluco रखा गया और इसे इतने कम दाम पर बेचा गया की अधिक भारतीय इसका स्वाद ले पाए।

“On that time, there is no PUBG, Only Parle- G”

देखते ही देखते यह मार्केट में काफ़ी तेज़ी से बढ़ने लगा। परन्तु द्वितीय विश्व युद्ध खत्म होने के दौरान, इसका उत्पादन बंद हो गया था। जिसका कारण था गेहूं की कमी व raw material का ना मिल पाना।

1982: PARLE Gluco बना PARLE- G

बिस्कुट का उत्पादन बंद होने के कारण जनता को इसकी कमी खलने लगी। जिसे देख कंपनी के मालिक को भी एहसास हुआ की उन्हें यह दुबारा से शुरू करना चाइए। और उन्होंने सबसे वादा किया की वह जल्दी ही हालत सुधरने पर इसका उत्पादन दुबारा से शुरू करेंगे।

साल 1982 मे PARLE Gluco का नाम बदलकर PARLE- G रखा गया। इसके पीछे का कारण copyright था। क्योकि Gluco शब्द Glucose से बना था। जिसका इनके पास कोई भी copyright नहीं था। यहीं वजह थी की अन्य कंपनियों ने भी कई सारे ऐसे बिस्कुट निकाले जिनके नाम के पीछे Gluco रखा गया। इसके कारण उन्होंने साल 1982 में नाम बदलकर PARLE- G रखा।

2003: World Largest Selling Biscuit

साल 2003 मे PARLE- G को दुनिया मे सबसे अधिक बेचा जाने वाला बिस्कुट घोषित किया गया। सिर्फ़ अपने बिस्कुट से ही PARLE कंपनी ने करीब पांच हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की सेल की। उस वक्त यह भारत देश का पहला ऐसा FMCG Brand था जिसने यह आकड़ा छुआ था।

“No mummy, no other glucose biscuit for me- Only PARLE”

आज के समय में बच्चों के पास बहुत सारे विकल्प है। परन्तु पहले एकमात्र PARLE- G ही ऐसा बिस्कुट था जिसका उपयोग हर घर में होता था। इसके साथ ही बिस्कुट के पैकेट में छपी एक छोटी बच्ची की तस्वीर भी इस बिस्कुट की पहचान बनी। आज के समय मे इसके अलग- अलग छोटे- बड़े पैकेट है जो की पांच रुपये से लेकर पचास रुपये तक बिखते है। गांव की दुकानों में तो पहले सिर्फ यहीं एक बिस्कुट मिला करता था। एक बात जानकार आप सभी को हैरानी होगी लेकिन मैं बता दूं की जितनी देर में आपने इस लेख को पढ़ा, उतनी देर में ही चार हज़ार से अधिक लोग PARLE- G खा रहे होंगे।

क्या आपकी भी ऐसी ही कुछ खास बचपन की यादें इस बिस्कुट से जुड़ी हुई है? अगर हां तो हमको नीचे comment box पर कमेंट करके जरुर बताए।

FAQ’s

Q1- Who is the owner of Parle-G Biscuit?
Ans1- Vijay Chauhan is the owner of Parle- G.

Q2- When Parle- G biscuit was launched?
Ans2- 1939.

Q3- Which is the No.1 Biscuit of India?
Ans- Parle- G is the No.1 biscuit of India.

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