Ratan Tata
Ratan Tata

देश के नामी हस्ती रतन टाटा आज अपना 85 वां जन्मदिन मना रहे हैं। टाटा संस के पूर्व चेयरमैन और भारत के बड़े उद्योगपतियों में शामिल रतन टाटा ने जीरो से शुरू करके अपने आपको इस मुकाम पर पहुँचाया है। रतन जी एक बहुत शांत और सरल इन्सान है, जो जिनकी बातें लोगों को सीख देने वाली होती है। रतन टाटा (Ratan Tata) वो नाम जो न केवल भारत बल्कि दुनियाभर के कारोबारियों के लिए किसी मिसाल से कम नहीं, आजादी के पहले से शुरू हुए Tata Group को आसामान की बुलंदियों तक पहुंचाने वाले रतन टाटा ने देश की अर्थव्यवस्था में भी अहम् रोल निभाया है। रतन टाटा के जन्मदिन के मौके पर उनके जीवन के बारे में कुछ अनकही बातें जानते हैं। 

Ratan Tata की जीवनी

नामरतन टाटा
जन्म28 दिसंबर 1937, सूरत (गुजरात)
माता-पिता का नामनवल टाटा (पिता) और सोनू टाटा (माता)
शिक्षा कहां से की प्राप्तकॉर्नेल विश्वविधालय, हार्वर्ड विश्वविधालय
जीवनसाथीअविवाहित
व्यवसायटाटा समूह के निवर्तामान अध्यक्ष
व्यवसाय की शुरूआत1962
पुरस्कारपद्मा विभूषण (2008) और ओबीई (2009)

Ratan Tata जन्म, शिक्षा, परिवार 

रतन टाटा का जन्म सूरत में हुआ है। इसके पिता का नाम नवल टाटा था। लेकिन रतन जी को उनकी दादी नवजबाई टाटा ने गोद ले लिया था। इनके पति का देहांत हो गया था और वे अकेली थी इसलिए रतन को इन्होने गोद ले लिया था। रतन टाटा अविवाहित है उन्होंने कभी शादी नहीं की। कहते है एक बार अमेरिका में उन्हें किसी से प्यार हुआ था, दोनों शादी करने वाले थे। लेकिन टाटा जी को अचानक भारत वापस आना पद गया और उस समय चीन भारत के युद्ध के चलते वे वापस नहीं जा पाए, इसके बाद उस लड़की ने कहीं और शादी कर ली। 

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Ratan Tata जी के करियर की शुरुवात

रतन जी ने 25 वर्ष की आयु में अपने करियर की शुरुवात की थी। वर्ष 1959 में आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए वे अमेरिका के काॅरनेल यूनिवर्सिटी गए। यहाँ उन्होंने लॉस एंजिल्स के जोन्स और इमोन्स नामक कंपनी में वे नौकरी करने लगे। लेकिन अपनी दादी की ख़राब तबियत के चलते इन्हें भारत वापस लौटना पड़ा। जिसके बाद 1962 में टाटा ग्रुप ज्वाइन किया। ग्रुप में उन्हें पहला काम जमशेदपुर स्थित टाटा स्टील डिविजन में मिला। 

वर्ष 1975 में उन्होंने हार्वार्ड बिजनेस स्कूल से प्रबंधन का कोर्स किया। 1981 में वे टाटा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उस समय बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी सिर्फ 2% था और घटा 40% था। कुछ साल बाद रतन टाटा ने कंपनी को काफी मुनाफा पहुंचाया। इसके कुछ समय बाद उन्हें 1991 में टाटा ग्रुप का उत्तराधिकारी बनाया गया।

पूर्ण रूप से भारत में बनी कार लेकर आये

भारतीयों के लिए जो सपना था उसे रतन टाटा ने सच कर दिखाया। 1998 में भारत में पूर्ण रूप से बनी कार लांच की, जिसका नाम टाटा इंडिका था। कार पेट्रोल डीजल दोनों पर चलने वाली बनाई। इसके बाद देश की सबसे सस्ती कार नेनो का निर्माण किया। इस कार को मुख्यरूप से मिडील क्लास के लोगों को ध्यान में रख कर बनाया गया। ये कार वैसे फ्लॉप रही लेकिन इसके पीछे की रतन जी की सोच को सभी ने बहुत सराहा।

Ratan Tata Quotes in hindi
  • टीवी का जीवन असली नहीं होता और जिंदगी टीवी सीरियल की तरह नही होती। असल जीवन में आराम नहीं होता, सिर्फ और सिर्फ काम होता है ।
  • कोई भी लोहे को नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन इसकी खुद की जंग इसे नष्ट कर देती है! इसी तरह एक व्यक्ति को कोई भी नष्ट नहीं कर सकता है, लेकिन खुद की मानसिकता उसे नष्ट कर सकती हैं
  • अगर आप तेज चलना चाहते हैं, तो अकेले चलिए। लेकिन अगर आप दूर तक जाना चाहते हैं, तो साथ साथ चलें
  • जीवन में आगे बढ़ने के लिए उतार-चढ़ाव बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ईसीजी में एक सीधी रेखा का मतलब है कि हम जीवित नहीं हैं
  • जिस दिन मैं उड़ान भरने में सक्षम नहीं हूं, वह मेरे लिए एक दुखद दिन होगा।
  • ऐसी कई चीजें हैं, जो अगर मुझे दोबारा जीने के मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूँगा। लेकिन मैं पीछे मुड़कर ये नहीं देखना चाहूँगा कि मैं क्या नहीं कर पाया।
  • सत्ता और धन मेरे दो प्रमुख सिद्धांत नहीं हैं।
  • अगर लोग आप पर पत्थर मारते हैं तो उन पत्थर उपयोग अपना महल बनाने में कर ले।
  • दूसरों की नकल करने वाले व्यक्ति थोड़े समय के लिए तो सफलता प्राप्त कर सकते हैं लेकिन जीवन में बहुत आगे नहीं बढ़ सकते हैं
  • हर व्यक्ति में कुछ विशेष गुण एवं प्रतिभाएं होती हैं, इसलिए व्यक्ति को सफलता पाने के लिए अपने गुणों की पहचान करनी चाहिए।

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