उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां रुद्रप्रयाग में जिला अस्पताल के शौचालय में एक अविवाहित नाबालिग ने बच्चे को जन्म दे दिया, लेकिन प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा की भी मौत हो गई है। इस घटना के सामने आने से पूरे क्षेत्र में चर्चा का माहौल गर्म है।
बताया जा रहा है कि नाबालिग पिछले नौ माह से गर्भवती थी। यह पूरा मामला जिला मुख्यालय के नजदीक का बताया जा रहा है। डिलीवरी होने के बाद नाबालिग ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। वहीं बच्चे की भी मौत हो गई। मृत नवजात की भनक सफाई कर्मियों को शनिवार,23 जुलाई की सुबह लगी।
मिली जानकारी के अनुसार, पेट दर्द की शिकायत पर नाबालिग की मां शुक्रवार, 22 जुलाई दोपहर को उसे जिला अस्पताल लेकर आई थी। जहां चिकित्सकों को भी लड़की के गर्भवती होने की जानकारी नहीं थी। जिसके चलते डॉक्टर भी नाबालिग का सामान्य उपचार करते रहे। वहीं लड़की ने बिना चिकित्सकों की जानकारी के ही बच्चे को शौचालय में जन्म दिया।
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इस पूरी घटना में लड़की की मां को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है। क्योंकि बदनामी की डर से देर रात को नाबालिग की मां ने जिला अस्पताल के शौचालय में उसका प्रसव कराया। और प्रसव के बाद अत्यधिक रक्त बहने से नाबालिग की मौत हो गई।
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर राजीव पाल सिंह के अनुसार, शुक्रवार दोपहर नाबालिग को लेकर उसकी मां जिला चिकित्सालय पहुंची थी। जहां डॉक्टरों द्वारा जांच करने पर पता चला कि लड़की में हीमोग्लोबिन की कमी है। डॉक्टर उसे आगे के लिए रेफर करने को कहा था। लेकिन मरीज के अभिभावकों ने रेफर करने से मना कर दिया और लिखित रूप में यह कहकर दे दिया कि उसका उपचार यहीं किया जाए। इसके बाद रात के समय उसने बच्चे को जन्म दिया और प्रसव के बाद उपचार न मिलने के कारण नाबालिग की मौके पर ही मौत हो गई। इस पूरी घटना में नाबालिग के परिजनों की गलती है। अगर वह घटना की सत्यता बताते तो ज़रूर बेहतर उपचार होता। इस पूरे मामले की अब जांच की जा रही है।