चंद्रनाथ पर्वत पर शांति से सुशोभित Tungnath दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर और उत्तराखंड का सबसे ऊंचा पंच केदार मंदिर है।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में स्तिथ प्रसिद्ध Tungnath मंदिर में हिमपात हो रहा है। वैसे तो इन दिनों भक्तों के लिए मंदिर के कपाट बंद है। परन्तु इसके बावजूद बर्फ़बारी का आनंद लेने के लिए भारी संख्या में लोग यहां पहुँच रहे है। प्रसिद्ध Tungnath मंदिर एवं तृतीय केदार का ट्रेक एवं पैदल रास्ता चोपता से शुरू होता है। आपकों बता दें की चोपता में भी कल शुक्रवार, 30 दिसंबर को हल्की-हल्की स्नोफॉल देखने को मिली। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है की जल्द ही चोपता में भी पूरी तरह से हिमपात होने वाला है। इसके साथ ही नए साल 2023 में बर्फ़बारी का आनंद लेने के लिए चोपता में पर्यटकों की भीड़ बढ़ गई है।
12 हजार 500 फ़ीट की उचाई पर स्तिथ Tungnath मंदिर में शिव जी की भुजाओं की पूजा होती है। हर साल यहां भारी संख्या में क्रिसमस और नए साल के दौरान पर्यटक आते है। जल्द ही केदारनाथ सहित रुद्रप्रयाग जनपद के सभी ऊंचे छेत्रों में जमकर बर्फ़बारी होने वाली है। मौसम को देखते हुए भारी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे है।
दिसंबर माह के आखिरी में और जनवरी माह के समय पर लोगों को यहां आना काफ़ी पसंद है। क्योंकि इस दौरान यहां खूब बर्फ़बारी होती है। और प्रकृति का खूबसूरत मंजर देखने को मिलता है। आजकल यहां बर्फ का सुंदर नजारा दिखता है। जहां तक भी नजरें डालों, चारों तरफ़ बर्फ की चादर होती है।
कैसे पहुँचे Chopta और Tungnath
अगर आप भी यहां आकर सुंदर नज़ारों का आनंद लेना चाहते है। तो आपको पहले ऋषिकेश आना होगा। जिसके बाद ऋषिकेश se गोपेश्वर होकर चोपता जाना होगा। चोपता से ही तुंगनाथ का पैदल मार्ग शुरू होता है। इसके साथ ही एक अन्य रास्ता उखीमठ से होकर जाता है। उखीमठ से फिर चोपता जाना होगा।