उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में 14 साल की लड़की के अपहरण की खबर से हड़कंप मचा हुआ था। इस पूरे मामले का चौंका देने वाला खुलासा हुआ है। और साथ ही एक कहानी का पटाक्षेप भी। क्योंकि पुलिस को यह लड़की गांव के पास से ही मिल गई। उसने परिजनों को अपहरण होने की बात कही थी। और परिजनों ने मुकदमा दर्ज कराया तो पुलिस अफसर ज़िले भर में भागते- दौड़ते दिखे। अब इस 14 साल की लड़की का झूठ सामने आने पर परिजन उस पर कोई साया होने की बात कह रहे हैं।
ऊखीमठ के भींगी गांव में 14 साल की लड़की के अपहरण की बात तब सामने आई, जब वह दवाई लेने के लिए रुद्रप्रयाग गई थी। जहां से लड़की ने अपने परिजनों को फोन करके बताया कि कोई इसे गाड़ी की डिग्गी में ज़बरदस्ती बैठाकर ले गया। इतना ही नहीं, पिता के कहने पर खुद लड़की ने ही पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 112 पर शिकायत भी दर्ज करवा दी। इधर, उसके परिजनों ने थाने में अपहरण का केस तक लिखवा दिया। इस मामले के आते ही रुद्रप्रयाग पुलिस के हाथ पैर फूल गए और एसपी आयुष अग्रवाल ने तुरन्त अफसरों को लड़की की छानबीन में लगा दिया था।
पहाड़ों में इस तरह की घटना होना आम बात नहीं है। इसलिए पुलिस काफी हैरान और परेशान दिखी। इसके बाद पुलिस ने लड़की के मोबाइल नंबर को ट्रेस करना शुरू किया। जिसके बाद गांव के पास ही पुलिस को लड़की की लोकेशन मिली तो पुलिस ने चौक बाज़ार से लड़की को बरामद कर लिया। और फ़िर लड़की ने इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि वह दवाई लेने के बहाने तिलवाड़ा तक घूम फिरकर गांव लौट आई। जिसके बाद से उसे डर सताने लगा कि वह अब अपने घर पर क्या बोलेगी। इसलिए वह गांव के आसपास ही छिप गई और परिजनों को झूठ बोल कर अपहरण की कहानी रचा दी।
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इस पूरे मामले में अब पुलिस लड़की व लड़की के परिजनों से पूछताछ कर रही है कि लड़की ने आख़िर ऐसा क्यों किया? वहीं जवाब में लड़की के परिजनों का कहना है कि लड़की पर छल यानी भूत का साया है। इसके साथ ही लड़की के घरवालों द्वारा कई बार पंडित से इलाज करवाने का दावा भी किया जा रहा है। इधर, अब पूरे रुद्रप्रयाग ज़िले और केदारघाटी में दो दिन के इस झूठे अपहरण कांड को लेकर चर्चा बनी हुई है।