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उत्तराखंड राज्य में हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 4,000 से अधिक परिवारों को घर खाली करने का नोटिस दिया जाने वाला है। Uttarakhand High Court द्वारा एक आदेश जारी करने के बाद यह फैसला किया गया है। इस नोटिस के बाद सभी को घर खाली करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाएगा। नैनीताल जनपद के अधिकारियों के अनुसार क्षेत्र से कुल 4,365 अतिक्रमण हटाए जाएंगे। कुछ लोग वहां दशकों से रह रहे हैं। और तबसे लेकर आज तक अदालत के आदेश का विरोध कर रहे हैं।

रेलवे अधिकारियों ने इस पर कहा कि उन्होंने रेलवे की 2.2 किलोमीटर लंबी पट्टी पर बने मकानों और अन्य ढांचों को गिराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इज्जत नगर के रेलवे पीआरओ राजेंद्र सिंह ने कहा- “लगभग 10 दिन पहले हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर सभी अतिक्रमणों को हटाने के लिए Uttarakhand High Court का फैसला आया। 4,365 अतिक्रमण हैं और हम स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से रविवार को नोटिस देंगे। रहने वालों को शिफ्ट करने के लिए सात दिन का समय दिया जाएगा। वरना उसके बाद हम कार्रवाई करेंगे।

इस मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा कि रेलवे की उक्त संपत्ति पर उसका कुछ कहना नहीं है। रेलवे ने यह भी कहा कि कोई भी अतिक्रमणकर्ता उक्त भूमि पर दावा करने के लिए कोई कानूनी दस्तावेज पेश नहीं कर सकता है। कोर्ट ने करीब एक दशक से चल रहे इस एक मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद रेलवे के पक्ष में फैसला सुनाया।

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कोर्ट के आदेश के बाद रेलवे व राजस्व अधिकारियों की संयुक्त टीम ने गुरुवार, 29 दिसंबर को अतिक्रमण क्षेत्र का ड्रोन सर्वे किया था। स्थानीय निवासियों के विरोध के बीच उन्होंने अतिक्रमित क्षेत्रों का सीमांकन शुरू कर दिया। वहीं कांग्रेस पार्टी ने इसका विरोध किया है। और राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है की वह अदालत में ठीक से बहस नहीं कर रही है और बाद में बहाने बना रही है।

वहीं इस सप्ताह की शुरुआत में हजारों निवासियों द्वारा अपना विरोध दर्ज कराने के लिए कैंडललाइट मार्च निकाला गया था। उन्होंने कहा कि विध्वंस अभियान उन्हें बेघर कर देगा। कुछ परिवार 40-50 सालों से अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे हैं। और कई सारे निवासी उन्हीं घरों में पैदा हुए हैं जो अब अगले 10 दिनों में ध्वस्त होने की उम्मीद है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, अतिक्रमण में करीब 20 मस्जिद और 9 मंदिर शामिल हैं।

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