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उत्तराखंड के काशीपुर में दो हिन्दू बहनों ने ईदगाह के लिए अपनी करीब डेढ़ करोड़ की जमीन दान दें दी।

देश में इन दिनों धार्मिक कट्टरता को लेकर जंग छिड़ी हुई है। वहीं धार्मिक उन्माद की खबरों की वजह से शांति पसंद लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। देश में देखा जा रहा है लोग छोटी-छोटी बातों पर हथियार उठा रहे हैं और एक दूसरे को जान से मारने से भी नहीं डर रहे हैं। लेकिन इसी बीच उत्तराखंड से एक ऐसी खबर आ रही है जिसने लोगों का दिल जीत लिया है।

उत्तराखंड में दो हिंदू भाई बहनों ने अपने मुस्लिम भाई बहनों को ईद का तोहफा दिया है। आपको बता दें उन्होंने अपनी स्वर्गीय पिता की इच्छा के लिए अपनी 4 बीघा जमीन ईदगाह के लिए दान कर दी है। दोनो हिंदू बहने शादीशुदा है और इन दोनों विवाहित बहनों के परिवार के सदस्यों ने खुद काशीपुर पहुंचकर जमीन का कब्जा, ईदगाह कमेटी को दे दिया है। आपको बता दें कि ईदगाह कमेटी ने ईदगाह की बाउंड्री का काम भी शुरू कर दिया है। जमीन के भाव कि अगर हम बात करें तो बाजार में इसकी कीमत करीब डेढ़ करोड रुपए से भी ज्यादा आंकी गई है।

क्या है पूरा मामला?

बात काशीपुर की है जहां पर ईदगाह के मैदान के पास बृजनंदन प्रसाद रस्तोगी कि कृषि की जमीन है। और इस जमीन का करीब 4 बीघा हिस्सा ईदगाह की बाउंड्री से सटा हुआ है। पहले से ही बृजनंदन अपनी जमीन को ईदगाह के नाम पर दान करने के लिए इच्छुक थे। लेकिन यह जमीन उनकी दो बेटियों सरोज रस्तोगी और अनीता रस्तोगी के नाम पर थी। इस वजह से वह चाह कर भी अपनी शादीशुदा बेटियों से जमीन ईदगाह को देने के लिए नहीं कह सकते थे। 

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इस बात का जिक्र उन्होंने पूर्व सांसद सत्येंद्र चंद्र गुड़िया से किया था। वही साथ ही साथ बृजनंदन के ईदगाह कमेटी से करीबी तालुक थे। और वह हर साल ईद के मौके पर ईदगाह के लिए चंदा भी दिया करते थे। साथ ही अक्सर ईदगाह कमेटी के लिए मदद का हाथ बढ़ाया करते थे। 25 जनवरी 2003 को बृजनंदन रस्तोगी का निधन हो गया और उनका निधन होते ही ईदगाह की जमीन का यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया।लेकिन बाद में बृजनंदन की दोनों बेटियां सरोज रस्तोगी और अनीता रस्तोगी को जब अपने पिता की इच्छा के बारे में पता चला तो उन्होंने वह जमीन ईदगाह को दान करने के लिए अपना मन बना लिया। 

अपने भाई राकेश रस्तोगी की मदद से उन्होंने ईदगाह कमेटी के सदर हसीन खान से संपर्क किया और अपनी जमीन दान करने की इच्छा जताई। आपको बता दें कि सरोज का परिवार मेरठ में रहता है और अनीता का परिवार फिलहाल दिल्ली में रहता है। दोनों बहनों ने अपने पतियों से इस बारे में बात की। 

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जिसके बाद सरोज के पति सुरेंद्र वीर रस्तोगी और उनके बेटे विश्व रस्तोगी तथा अनीता के बेटे अभिषेक रस्तोगी रविवार को काशीपुर पहुंच गए। जिसके बाद पुष्प अग्रवाल समाज सेवी, राकेश रस्तोगी, ईदगाह के सदर हसीन खान की मौजूदगी में लेखपाल को वहां बुलवाकर ईदगाह कमेटी को उनकी जमीन का कब्जा दे दिया गया। दोनों बहनों ने उस वक्त अपने परिजनों से यह कहा कि उन्होंने अपने स्वर्गीय पिता बृजनंदन रस्तोगी की इच्छा को पूरा किया है और वें उनकी इच्छा का सम्मान करती है।

ईदगाह कमेटी के सदर ने कही बड़ी बात:

सरोज रस्तोगी और अनीता रस्तोगी के ईदगाह को जमीन देने के विषय में ईदगाह कमेटी के सदर हसीन खान ने कहा कि काशीपुर शहर एकता की मिसाल है। यहां पर हर पर्व मिलजुल कर मनाया जाता है। हमारी बहनें सरोज रस्तोगी और अनीता रस्तोगी ने जो ईदगाह के लिए 4 बीघा जमीन दान दी है। मैं पूरी कौम की तरफ से उनका शुक्रिया अदा करता हूं और उम्मीद करता हूं सभी धर्मों के लोग एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहेंगे और एक दूसरे के सुख दुख में साथ खड़े रहेंगे।

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