उत्तराखंड में हर साल जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है वैसे ही जंगल की आग भी तेजी से बढ़ने लग जाती है पर इस बार भी पहाड़ों में आग और ज्यादा विकराल होती जा रही है उसको लेकर इन वन विभाग की ओर से हाई अलर्ट भी जारी कर दिया गया है सभी अधिकारियों को भी अलर्ट मोड़ पर रहने को कहा गया है।
वहीं तमाम कोशिशों के बावजूद भी वन विभाग की टीम आग बुझाने में अब तक नाकाम रही है। कहा यह भी जा रहा है कि अब आग बुझाने के लिए वायु सेना की मदद भी ली जा सकती है वही आपको यह भी बता दें कि इससे पहले भी एसडीआरएफ की टीम से मदद ली जा चुकी है साथ ही साथ ग्रामीणों पंचायतों से भी मदद ली जा रही है।
हर साल चुनौती बनती है जंगल की आग
उत्तराखंड में हर साल फायर सीजन शुरू होते ही पहाड़ के जंगल लगने लग जाते हैं आपको बता दें कि 24 घंटे के अंदर अंदर प्रदेश में 75.5 हेक्टेयर भूमि को आग से नुकसान पहुंचा है वही आंकड़ों के अनुसार फायर सीजन में 15 जनवरी से अभी तक 446 घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें 593.19 हेक्टेयर भूमि जल चुकी है।
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मौसम के मिजाज को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में जंगल की आग और ज्यादा बढ़ सकती है वही और ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
वन विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद आग पर काबू पाना चुनौती बना हुआ है मौसम के मिजाज को देखते हुए आने वाले कुछ दिनों में मुश्किलें और बढ़ गई है वनों की आग और आपदा प्रबंधन के नोडल अधिकारी सीसीएफ निशांत वर्मा ने बताया कि फायर वाचर की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आग पर नियंत्रण पाया जा सके।
आग के विकराल होने की स्थिति में राजस्व विभाग, पुलिस, होमगार्ड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीआरडी जवानों के साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीण का सहयोग लिया जाएगा अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल, पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिलों में तमाम स्थानों पर जंगल से लग रहे हैं यहां जरूरत पड़ने पर एसडीआरएफ की मदद ली जा रही है।