उत्तरकाशी जनपद में हिमस्खलन(Uttarkashi Avalanche) में फंसे पर्वतारोहियों को बचाने के लिए अब हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग (एचएडब्ल्यूएस) के जांबाज मोर्चे पर उतरेंगे। जम्मू कश्मीर से 16 सदस्यीयों का एक दल बुधवार, 5 अक्टूबर को उत्तराखंड के लिए रवाना हो गया। बृहस्पतिवार सुबह यह सभी जांबाज राजधानी देहरादून से उत्तरकाशी के लिए रवाना होंगे। वहीं इनके लिए वायु सेना के हेलीकाप्टर का इंतजाम भी किया जा रहा है।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स के लिए निकला पर्वतारोहियों का दल बर्फीले तूफान की चपेट में आ गया है। जिसके चलते हिमस्खलन में फंसे पर्वतारोही दल के सदस्यों के बचाव के लिए जम्मू कश्मीर के हाई एल्टीट्यूट वारफेयर स्कूल गुलमर्ग के जांबाजों को उतारा जाएगा।
सेना के इस स्कूल में जवानों को ऊंचे पर्वतों में बर्फीली चोटियों पर ड्यूटी करने और बर्फीले तूफानों से बचाव की ट्रेनिंग दी जाती है। केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों से एचएडब्ल्यूएस के 16 सदस्यीय जवानों को हिमस्खलन(Uttarkashi Avalanche) में फंसे पर्वतारोहियों को निकालने के लिए भेजा गया है। बुधवार देर रात तक एचएडब्ल्यूएस के जवान देहरादून पहुंचेंगे। बृहस्पतिवार को सुबह वह सभी देहरादून से उत्तरकाशी बेस कैंप के लिए रवाना होंगे। इन जवानों के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की जा रही है।
आपको बता दें कि पर्वतारोहियों को निकालने व बचाव कार्य में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें जुड़ी हुई है। इसके साथ ही हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल के जवानों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ड्यूटी और बचाव कार्य में दक्षता होने के चलते उनकी मदद ली जा रही है।
अपर सचिव एवं उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के सीईओ सी. रविशंकर ने इस मामले में बताया कि हिमस्खलन में फंसे पर्वतारोहियों के बचाव कार्य के लिए एचएडब्ल्यूएस के जवान उत्तराखंड के लिए रवाना हो गए हैं। राजधानी देहरादून से बेस कैंप तक दल को पहुंचाने के लिए वायु सेना के हेलिकाप्टर की व्यवस्था की जा रही है।